
🛑 ब्रेकिंग रिपोर्ट | साईं बाबा को लेकर विवाद गहराया, ट्रस्ट ने मांगी माफी?
📍 नई दिल्ली / शिर्डी / वाराणसी –
साईं बाबा के स्वरूप को लेकर वर्षों से चल रहे विवाद ने अब एक नई करवट ले ली है। सूत्रों के अनुसार, हाल ही में कुछ दस्तावेज सामने आए हैं जिनमें दावा किया गया है कि साईं बाबा का असली नाम “चाँद मियाँ” था और वे मुस्लिम पृष्ठभूमि से थे। इस दावे के बाद देशभर में बहस तेज हो गई है।
सबसे चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट ने सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल एक हलफनामे के माध्यम से शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती से क्षमा याचना की है। ज्ञात हो कि शंकराचार्य लंबे समय से साईं बाबा की पूजा को वैदिक परंपरा के विरुद्ध बताते रहे हैं।
🔍 क्या कहते हैं दस्तावेज?
ऐतिहासिक तथ्यों और कुछ अंग्रेज़ी हुकूमत के दस्तावेजों में साईं बाबा के प्रारंभिक जीवन को लेकर स्पष्टता नहीं है। किंतु कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों और स्वतंत्र शोधकर्ताओं ने लंबे समय से यह दावा किया है कि साईं बाबा का वास्तविक नाम “चाँद मियाँ” था।
🔥 देशभर में प्रतिक्रियाएं – मंदिरों से हटाई जा रही मूर्तियाँ?
विवादित दस्तावेजों और ट्रस्ट के कथित माफीनामे के बाद कई जगहों पर कुछ संगठनों द्वारा साईं बाबा की मूर्तियाँ मंदिर परिसरों से हटाए जाने की घटनाएं सामने आई हैं। विशेष रूप से उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में यह गतिविधि देखने को मिली।
📢 हिंदू संगठनों की अपील
कुछ हिंदू संगठनों ने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर भी अभियान चलाया है, जिसमें लोगों से अपील की जा रही है कि वे “धार्मिक भ्रम” से बाहर निकलें और अपने समाज को “सत्य” के बारे में जागरूक करें।
📌 कानूनी और सामाजिक पहलू
हालांकि सुप्रीम कोर्ट की ओर से अभी तक कोई अंतिम निर्णय सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के मामलों से देश में सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है।
🔴 टिप्पणी:
यह खबर एक विवादित मुद्दे पर आधारित है। कृपया पाठकों से आग्रह है कि किसी भी प्रकार की अफवाह अथवा असत्यापित सूचना के आधार पर धार्मिक उन्माद न फैलाएं। यह समाचार केवल सूचना देने हेतु है।
🖊 रिपोर्ट: एलिक सिंह
संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
उत्तर प्रदेश महासचिव – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
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